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शिक्षा हेतु छात्रवृत्ति कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य

पिछले तीन दशकों से आर्थिक उदारीकरण के कारण, भारत ज्ञान और शैक्षिक अर्थव्यवस्था के केन्द्रबिन्दु के रूप में आगे बढ़ रहा है। आज भारत की पचास प्रतिशत आबादी पच्चीस वर्ष या उससे कम उम्र की है। उधर दूसरी तरफ अन्य विकसित देशों में जन्म दरों के गिरने से भारत को दुनिया की मानव पूंजी बनने का एक अवसर मिल सकता है। लेकिन यह केवल तभी संभव है जब हम प्रशिक्षित युवाओं को तैयार कर सकें। यह संभव हो इसके लिये यह आवश्यक है कि हमारे बौद्धिक रूप से सक्षम किन्तु आर्थिक रूप से असक्षम युवाओं को विकास के पथ पर भागीदारी का एक अवसर मिल सके।

हम में से कुछ लोग जो बुंदेलखंड में पले-बढ़े हुए और आज आर्थिक रूप से समर्थ हो गए हैं, अब इस नयी पीढ़ी को कुछ वापस देना चाहते हैं। हमारा लक्ष्य है कि बुंदेलखंड-बांदा और उसके आस पास के मेधावी युवकों कों सफलता का एक अवसर प्राप्त हो सके ताकि उनके जीवन की वित्तीय कठिनाई उन्हें इस विकास की कहानी से दूर ना रख सके।

किशोरावस्था अध्ययन के उच्च स्तर की नींव तैयार करने के सर्वाधिक महत्वपूर्ण वर्षों में से हैं। ये वर्ष आकांक्षाओं को स्थापित करने और जीविका की आधारसिला चुनने के उद्देश्य से भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। लेकिन किशोरावस्था एक कमजोर और अनिश्चित उम्र भी है जब छात्रों को आर्थिक समर्थन की अनुपलब्धता में पढ़ाई छोड़ कर परिवार के साथ आर्योपार्जन में साथ लगना पड़ता है। या फिर माता-पिता की आर्थिक असमर्थता की वजह से अपने लक्ष्यों को दरकिनार करना पड़ता है।

इस छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से हम मेधावी और मेहनती युवा छात्र जो आर्थिक रूप से समृद्ध नहीं है, को वित्तीय सहायता प्रदान करना चाहते हैं। आगे हम अध्ययन के उपयुक्त पाठ्यक्रम को चुनने में मार्गदर्शन के लिए, और आगे आने वाली चुनौतियों को समझने के लिए कैरियर परामर्श की दिशा में भी इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का प्रयास जारी रखेंगे। भविष्य में इस संबंध में हम इन विद्यार्थियों को बांदा के पूर्व स्नातकों के साथ जोड़ने की दिशा में भी प्रयास करना चाहते हैं।